Sunday 2 June 2019

अम्लीय वर्षा=Acid Rain

   अम्लीय वर्षा के कारण प्रभाव और संभावित                                  समाधान



वायुमंडल में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस जो वायु वायुमंडल में मौजूद पानी (H2O)तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2) से प्रतिक्रिया कर  सल्फ्यूरिक अम्ल H2SO4 तथा नाइट्रिक अम्ल HNO3 का निर्माण करती है  जिसके कारण होने वाली वर्षा के पानी का पीएच मान 5 पॉइंट 3 से 6 पॉइंट जीरो की सामान्य स्थिति से कम हो जाता है इस तरह की वर्षा को अम्लीय वर्षा कहा जाता है
 

 वायुमंडल में अम्लीय वर्षा का प्रमुख कारण सल्फर डाइऑक्साइड गैस को छोड़े जाने के प्रमुख स्रोत

  1. ऑटोमोबाइल तथा स्वचालित वाहन
  2. कोयला आधारित ताप विद्युत गृह
  3. खनिज तेल शोधनशाला
4  .जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला पेट्रोलियम तथा लकड़ी का दहन

1.अम्लीय वर्षा के प्रभावअम्लीय जल के प्रभाव से मिट्टी की अम्लीय  स्तर बढ़ जाता है परिणाम स्वरूप मिट्टी के खनिज में पोषक तत्व नष्ट हो जाता है जिससे मिट्टी की उत्पादन क्षमता कम होती है

2.अम्लीय वर्षा के उत्तरदाई कारक है हवा के साथ हजारों किलोमीटर दूरी तक बह जाते हैं तथा वहां आद्रता के अनुसार अम्लीय वर्षा के रूप में बरसते हैं
3.अम्लीय वर्षा से पेयजल भंडार दूषित हो जाते हैं
4.मानव शरीर में सांस और चमड़ी तथा आंखों की जलन से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती है
5.वृक्षों की पत्तियों के स्टोमेटा बंद हो जाते हैं जिससे इन वृक्षों की अनेक जैविक क्रियाएं मंद पड़ जाती है

और इस प्रकार अम्लीय वर्षा संयोग वनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है
6.अम्लीय वर्षा से नदियों तथा झिलो का पानी दूषित होने के कारण इनमें रहने वाले जलीय जीवो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है नॉर्वे तथा स्वीडन की अनेक जिलों में अम्लीय वर्षा के प्रभाव से अधिकांश जलीय जीव समाप्त हो गए हैं
  7.पत्थर तथा संगमरमर का शरण शुरू हो जाता है ताजमहल जैसी बड़ी इमारत भी अम्लीय वर्षा के कारण अपना धुंधला रंग छोड़ने लगी है

                   अम्लीय वर्षा के संभावित समाधान
  • अम्लीय वर्षा के लिए उत्तरदाई सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जाना चाहिए उद्योगों में इसके बस का उपयोग करते हुए तथा बे फिल्टर तथा कुल आइडल टैंक निर्मित किया जाना उचित समाधान है
  • ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत जैसे सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा को अधिकाधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए
  • स्वचालित वाहनों की समय-समय पर प्रदूषण जांच कराई जानी चाहिए तथा व्यक्तिगत वाहनों के प्रयोग को कम से कम किया जाना चाहिए
  • विश्व भर में अम्लीय वर्षा के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को सजग करना चाहिए
  • पेयजल स्रोतों पर अम्लीय वर्षा के हुए दुष्प्रभाव को कम करने के लिए उचित प्रक्रिया से जल शोधन किया जाना चाहिए


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