Sunday 26 May 2019

ओम शब्द उच्चारण के शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक लाभ

                       
                          ओम शब्द का महत्व
भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यता के अनुसार ओम शब्द सृष्टि का मूल शब्द है वेद और पुराणों के अनुसार सृष्टि की रचना के समय अर्थात जब इस पृथ्वी पर जीव का विकास और रचना हुई उससे पहले एक महा ध्वनि उत्पन्न हुई जोकि ओम है ओम शब्द की महिमा हिंदू धर्म ग्रंथ वेद और पुराणों में वर्णन की गई है वेदों के अनुसार ओम शब्द अध्यात्म और धर्म साधना का मूल मंत्र है ओम चारों वेद और 18 पुराणों का प्रवेश द्वार है गीता के अनुसार भ्रम की साधना के लिए एक संपूर्ण अक्सर है और महर्षि पतंजलि के अनुसार ओम ईश्वर का वाचक शब्द है गुरु नानक के अनुसार ओम परम सच्चे से जोड़ने का मूल मंत्र है भगवान महावीर के अनुसार ओम नवकार मंत्र के 5 पदों की वंदना का सार सूत्र है ओम 3 अक्षरों से मिलकर बना है अ का अर्थ है उत्पन्न होना उ काअर्थ है ऊपर उठना और म का अर्थ है मौन हो जाना अर्थात ब्रह्मलीन हो जाना जिसे मोक्ष हो जाना भी कहते हैं

                    ओम का वैज्ञानिक आधार

ओम बड़ा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक शब्द है इसके उच्चारण से पैदा होने वाली तरंगें हमें कई प्रकार के शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है

                       
                            ओम की साधना
                         
  ओम शब्द की साधना तीन चरण में की जाती है

  1. नाद
  2. जाप
 3 ध्यान

             ओम शब्द के नाद जाप  ध्यान के लाभ

  1.  तनाव मैं लाभ . ओम शरीर के विषैले तत्वों को दूर करता है तनाव के कारण पैदा होने वाला केमिकल इससे नियंत्रित होता है
  2. घबराहट में लाभकारी.  अगर आपको घबराहट या डर होता है तो ओम का उच्चारण करना सबसे उत्तम है भीतर काआत्मविश्वास जगाने के लिए ओम विशेष सहयोगी हैं
  3. अ निंद्रा में लाभकारी .   रात को सोते समय ओम नाम का ध्यान करने से नींद अच्छी आती है
  4. एकाग्रता बढ़ाने में लाभकारी.  ओम नाम का जाप करने से मन और बुद्धि दोनों मजबूत होते हैं
  5. पर्यावरण के अनुकूल ध्वनि .  ओम का जाप करने से पर्यावरण शुद्ध होता है क्योंकि इसकी ताकतवर तरंग है पर्यावरण में मौजूद हानिकारक और दूषित जीवाणुओं को नष्ट करती है क्योंकि ओम की ध्वनि  अद्भुत है
  6. ओम का उच्चारण करने से शरीर की थकान मिटती है तथा अध्यात्म की ओर मानव का मन अग्रसर होता है तथा शरीर मैं स्फूर्ति का संचार होता है
ओम और परमात्मा का संबंध. ओम अपनी उच्च अवस्था में हमें ईश्वर की चेतना के साथ मिलने में खास भूमिका निभाता है योगी मनुष्य ओम का ध्यान करते हुए सांसारिक ट्रकों के साथ मोक्ष सुख को भी प्राप्त करते हैं जो संसार और मोक्ष दोनों का सुख प्रदान करता है यह अद्भुत अक्सर या शब्द ओम है ओम का नियमित अभ्यास करने से बड़े सकारात्मक प्रभाव मनुष्य जीवन में देखे गए हैं                                             ओम के बारे में लिखी गई संपूर्ण जानकारी वैज्ञानिक आधार पर सही पाई गई है अतः यह जानकारी जोकि पूर्णता वेद पुराणों एवं उनके बाद समय-समय पर योगियों ऋषिि यों और आधुनिक समय के बुद्धिजीवियों एवं विद्वानों और वैज्ञानिकों द्वारा सही पाई गई है




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